Kisan Andolan बुधवार को दिल्ली सीमा पर पंजाब के किसानों और सुरक्षा कर्मियों के बीच फिर से तनाव बढ़ गया, जिससे दूसरे दिन भी कई बार झड़पें हुईं। सिंघु सीमा पर गोलियों की गोलीबारी से पांच किसानों को चोट आई, जबकि शंभू सीमा पर एक एएसआई समेत 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। सिंघु सीमा पर स्थिति और बदगई जब किसानों ने हरियाणा सीआईडी के कर्मचारी सत्येंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार करके उनसे उनकी रणनीति के बारे में पूछताछ की।
इसी बीच, कुछ स्थानों पर पुलिस के द्वारा आंसू गैस का इस्तेमाल करने से हरियाणा के किसान संगठनों और समुदाय के पंचायतों को नाराजगी हुई है, जिसने आज किसानों के समर्थन में एक बैठक बुलाई है। उनका कहना है कि वे किसानों के साथ हैं, लेकिन Kisan Andolan में शामिल होने का फैसला बैठक के बाद लेंगे। दूसरी ओर, केंद्र सरकार के साथ दो असफल संवादों के बाद, दिल्ली के प्रदर्शनकारियों और केंद्र सरकार के बीच चंडीगढ़ में शुक्रवार को तीसरे दौर की बातचीत होगी, शाम 5 बजे। Aaj Tak पर पूरी खबर पढ़े।
आस पास के Kisan Andolan में शामिल हुए
बुधवार के दिन, हिसार, फतेहाबाद और हांसी से किसानों के समूह पंजाब के किसानों का समर्थन करने के लिए शंभू और धौला कुआँ सीमाओं पर पहुँच गए। कथल के भाकियू समूह के धन्ना भगत, Kisan Andolan में शामिल होने का निर्णय लिया है। पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनदीप नथवान ने बताया कि हिसार के गांव सिसाय में एक महापंचायत बुलाई गई है।
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले (Kisan Andolan)
बुधवार के दिन, दातासिंह वाला बॉर्डर फिर से उसी उत्तेजना में था। दोपहर तक माहौल शांत रहा, फिर किसानों ने पंजाब की ओर से बॉर्डर तक पहुंचने का प्रयास किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्लास्टिक की गोलियां चलाई। किसानों ने बार-बार बॉर्डर तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। आंसू गैस के कारण धुआं चारों तरफ फैला। सुबह ही पुलिस द्वारा लगाई गई कीलें उखाड़ दी गईं, लेकिन पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। बढ़ते किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए, फिर ड्रोन के माध्यम से भी गोलियां दागी गईं। कुछ किसान घायल हो गए।
किशानो ने CID कर्मचारी को बनाया बंधक
पंजाब के किसान सोमवार को आंदोलन की चरम स्थिति को देखते हुए शंभू और दातासिंह वाला बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर इकठ्ठा होने लग। जिसके चलते सर्कार ने मोबाइल टावर्स को बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद आस – पास के गांव में इंटरनेट सेवाओं पूरी तरह से बंद होने लगी, जिससे किसानों की संचार तंत्र में समस्या उत्पन्न हुई थी।
आगामी समय में स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने अपनी तैयारियों को बढ़ा दिया था। उन्होंने पैमाने पर सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया और अन्य सुरक्षा उपकरणों को भी तैनात किया था।
बुधवार की सुबह, समाचार स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, किसानों की संख्या बार-बार बढ़ती जा रही थी, जो शंभू और दातासिंह वाला बॉर्डर के पास जा रहे थे। उनका उद्देश्य नक्सलियों और अन्य आतंकी संगठनों के साथ जुड़े हुए था।
पुलिस ने इस मामले में जवानों की संख्या बढ़ाने के लिए तैनाती की थी, जो उनके सुरक्षा के लिए बॉर्डर के निकट स्थापित किए गए थे। इसके बावजूद, Kishan Andolan ने विशेष रूप से पंजाब-हरियाणा सीमा के निकटतम सीमांत इलाकों में चिंता और अशांति का दृश्य प्रस्तुत किया।
इस प्रकार, बॉर्डर और उसके आसपास की स्थिति गहराई से विचार की जा रही है। यह किसान आंदोलन के संभावित प्रभाव को भी प्रकट करता है, जो सीमांत इलाकों में लोगों की जीवनशैली और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
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